होबोसेक्सुअलिटी: महंगी सिटी में रहने की जुगाड़!
‘हार्ड डिस्क के बारे में बात करनी है? किसी मेल कलीग को फोन दीजिए’
स्लीप डिवोर्स: अलग बिस्तर, रिश्ते बेहतर
मीठी गोलियों का जादू… सेहत बनाने में सहायक
गर इतनी शिकायत है तो घर क्यों नहीं जाते…
महात्मा गांधी को आप देशी घी कह सकते है…
नफरत की आठ कहानियों का भावार्थ क्या?
जमीन का बँटवारा रोकने का उपाय, दो भाइयों की एक पत्नी
जजों की नियुक्ति पर सुप्रीम कोर्ट और केंद्र में टकराव के मायने
डगमगाते कवियों का क्या?
राजरंग
मुख्यमंत्री को मुस्लिम टोपी पहनाने की कोशिश क्यों हुई?
धर्म और राजनीति को मिलाना खतरनाक है। इस्लाम भी कहता है कि किसी पर धर्म थोपना गुनाह है। नीतीश कुमार…
सोचिए, माखन चोर नाम में क्या रखा है?
हमारे विनम्र अभिमत में भगवान श्रीकृष्ण के प्रादुर्भाव से लेकर उनके चरित्र और लीलाओं पर किसी अलग ढंग से विचार…
आखिर क्यों बदले बदले से ओम बिरला नजर आते हैं…
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पिछले कार्यकाल में जिस तरह विपक्षी सांसदों पर सख्ती दिखाते थे, वैसा इस बार देखने…
सबरंग
मंच पर ‘बूढ़ी काकी’: काकी का अधीर मन और इच्छा का प्रबल प्रवाह
बचपन में पढ़ी यह कहानी तो आपको याद होगी? कथा सम्राट प्रेमचंद की प्रख्यात कहानी ‘बूढ़ी काकी’। संपर्क बुनियादी शाला…
यादों का कारवां: बाई आज तू वेती तो…
मदर्स डे पर मां का फोटो देख कर मुझे बस एक बात ही याद आई.. बाई तू आज वेती तो…
अनिल यादव की नजर से: सफेद बाघ को समझने के 29 मिनट
प्रख्यात पत्रकार और वन्य जीवन विशेषज्ञ स्व.अनिल यादव की फिल्म ‘सफेद बाघ: अनंत कैद, बीज नाश या आजादी?’ याद दिलाती…
मनरंग
जैसे,पास तो होना चाहता है लेकिन जताना नहीं चाहता
बाघ झाड़ी में छिपा होगा। उसकी आँखें चमक रही होगीं। उसकी गंध इसे भी आई होगी। इसने चाहा भी होगा…
साइकिल की अपनी एक तहजीब होती है
साइकिल पर चलता इंसान जीवन और अपनी खुद की गति के बीच एक अद्भुत ताल-मेल बैठा लेता है, और उनके…
हे मेरे मरण, आ और मुझसे बात कर
अहा! उसकी वे स्नेह भरी आँखें! आँखे भर क्यों? चेहरा, देह, देह का रोम-रोम जिस स्नेह से, जिस प्रेम से…
जीवनरंग
सौ साल के गुरुदत्त: क्या 500 रुपए के फेर में गई जान
हम गुरुदत्त को उनकी फिल्मों से जानते हैं। ‘प्यासा’, ‘साहब, बीबी और गुलाम’, ‘कागज के फूल’ ‘चौदहवीं का चांद’, ‘बाजी’…
एक कवि की उपस्थिति में उगता है नववर्ष का पहला सूर्य!
मेरा कहने का अर्थ है कि क्या आपका संस्थान लोगों को नौकरी देते वक्त या आप अपनी टीम चुनते वक्त…
धरती की धड़कनें सुनने के लिए, बीज होना होता है… हवा में बहना होता है
गुरुडोंगमर की चुप्पी और कन्याकुमारी की गर्जना- दोनों एक ही संगीत के स्वर। जीवन इस संगीत में बहता है, हर…
ज्ञानरंग
अनुभव में नहीं आती तब तक सवाल ही बनी रहती है जिंदगी
ऊर्जा का मौलिक गुण होता है कि वह स्वतंत्र रहना चाहती है, बंधकर रहना उसे भाता नहीं। मनुष्य के अंदर…
काम में आनंद ढूंढना और आनंद से काम करना, जिनका जीवन दर्शन
आज हम बात कर रहे हैं ऑर्गेनिक संवाद को बनाए रखने के लिए गठित प्रोफेशनल्स के समूह संवाद और संपर्क…
ईश्वर आपकी यात्रा सफल करे… कहने का अर्थ क्या है
सोचकर देखिए! यात्रा में एक बार बगल में किसी की नेविगेटर सीट पर अगर ईश्वर सहयात्री के रूप में बैठ…